Posted by: Vinod on 20-09-2016 00:23
Type: Other
1 सितंबर से रेलवे ने झांसी-ग्वालियर-इटावा लिंक एक्सप्रेस का संचालन शुरू किया था। इस ट्रेन के चार कोच सप्ताह में चार दिन ग्वालियर-इंदौर इंटरसिटी में लगकर इंदौर जाते हैं। बाकी ट्रेन इटावा तक जाती है। ट्रेन को मिलने वाले यात्रियों की संख्या पहले ही दिन से काफी कम थी। इसके पीछे बड़ा कारण यह था कि ट्रेन ग्वालियर के बाद सीधे भिंड रुकती थी और भिंड के बाद इटावा। इसके अलावा एक भी स्टॉपेज नहीं था। जबकि ग्वालियर से भिंड के बीच जो छोटे-छोटे स्टेशन पड़ते हैं, वहां जाने वाले यात्रियों की संख्या काफी रहती है। यह यात्री इस ट्रेन का उपयोग नहीं कर पा रहे थे। इसे देखते हुए आनन-फानन में रेलवे ने इसे ग्वालियर-भिंड पैसेंजर की तरह इसका स्टॉपेज बढ़ाने का निर्णय लिया। सोमवार को ट्रेन इटावा, भिंड के अलावा अन्य स्टेशनों पर भी रुकी। इससे जिस ट्रेन को सुबह इटावा से भिंड होते हुए ग्वालियर आते समय बमुश्किल 30-35 यात्री मिलते थे, उसी ट्रेन को सिर्फ इटावा से 85 यात्री मिले। ये यात्री भिंड, ग्वालियर के अलावा बीच में पड़ने वाले अन्य रेलवे स्टेशनों के थे। पहले ही दिन यात्रियों की संख्या बढ़ने से रेलवे अधिकारियों का प्रयोग सफल रहा। आने वाले दिनों में यात्रियों की संख्या में और बढ़ोतरी हो सकती है।
ये ठहराव बढ़ाएः
सोमवार से लिंक एक्सप्रेस को उदी, एतेहार, असोखर, सोनी, सोंधा रोड, गोहद रोड, रायतपुरा, नौनेरा, मालनपुर, शनिश्चरा, भदरौली, बिरलानगर पर ठहराव दिया गया। अभी तक इन स्टेशनों पर ठहराव नहीं था।