Posted by: Friends on 25-05-2016 23:51
Type: Employment
नई दिल्ली एजेंसियांकेंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश पूंजीगत सामान क्षेत्र के लिए अपनी तरह की पहली नीति को बुधवार को मंजूरी दे दी। इससे क्षेत्र में 2025 तक 2.10 करोड़ से अधिक रोजगार के अतिरिक्त अवसर सृजित हो सकते हैं। अनुकूल माहौल बनेगा: राष्ट्रीय पूंजीगत सामान नीति का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी पूंजीगत सामान क्षेत्र के लिए ऐसा अनुकूल माहौल तैयार करना है जिसमें कि वर्ष 2025 तक कुल उत्पादन को वर्तमान 2.3 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाया जा सके। सरकारी प्रवक्ता ने ट्वीट में लिखा, मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय पूंजीगत सामान नीति के लिए अपनी मंजूरी दी। उत्पादन 2025 में बढ़कर 7,50,000 करोड़ होगा, जो कि 2014-15 में 2,30,000 करोड़ रुपये था। रोजगार 84 लाख से बढ़कर तीन करोड़ होंगे। नीति का लक्ष्य भारत के पूंजीगत सामान क्षेत्र में घरेलू उत्पादन का हिस्सा बढ़ाकर 80 प्रतिशत करना भी है। 9,000 करोड़ रुपये सेअधिक का कर्ज माफ: नई दिल्ली। सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की हिन्दुस्तान फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन लि़ (एचएफसीएल) का 9,079 करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया है। सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई के लिए वित्तीय पुनर्गठन पैकेज के तहत यह ऋण समाप्त किया गया है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 31 मार्च, 2015 तक बकाया 1,916़14 करोड़ रुपये का सरकारी ऋण तथा उसी तारीख तक बकाया 7,163़35 करोड़ का कर्ज माफ करने का फैसला किया गया। मंत्रिमंडल ने एचएफसीएल के बकाया के निपटान के लिए बरौनी इकाई के 56 एकड़ एश डाइक भूमि के बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लि़ को स्थानांतरित करने की भी मंजूरी दे दी है। इसमें कहा गया है कि बकाया राशि की माफ करने के बाद एचएफसीएल का पंजीकरण औद्योगिक एवं वित्तीय पुनर्गठन बोर्ड (बायफर) से हटाया जा सकेगा और उसका नेटवर्थ सकारात्मक हो जाएगा।
लाख करोड़ मूल्य का उत्पादन करता है यह क्षेत्र
इसके अनुसार पूंजीगत वस्तुओं के निर्यात को बढ़ाकर उत्पादन के मौजूदा 27 प्रतिशत के स्तर से बढ़ाकर 40 प्रतिशत किया जाना है। इस नीति का मकसद समूची विनिर्माण गतिविधियों में पूंजीगत सामान का हिस्सा मौजूदा 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 2025 तक 20 प्रतिशत तक पहुंचाना है।
करोड़ लोगों को रोजगार देने का है लक्ष्य
लाख करोड़ रुपये मूल्य का उत्पादन पहुंचाने की तैयारी
अगर देश में विनिर्माण गतिवधियों के साथ-साथ पूंजीगत सामान विनिर्माण हुआ तो समूची अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा। -सुरेश प्रभु, केंद्रीय रेल मंत्री