Posted by: दीप on 31-01-2017 06:11
Type: Budget
रेल बजट 1923 तक आम बजट के साथ ही पेश होता था। अग्रेंजों के समय इसको अलग कर दिया गया था और 92 सालों तक इसी प्रथा को जारी रखा गया।
अंग्रेजों द्वारा जो प्रथा शुरू की गई थी उसको आजादी के बाद भी जारी रखा गया। रेलवे को सुचारू रुप से देखने के लिए रेल मंत्रालय के आधीन रेलवे बोर्ड का गठन किया गया और केंद्र में अलग से रेल मंत्री भी रखा गया। भारी-भरकम बजट और रेलवे के बड़े स्वरुप के कारण इसको 2016 तक अलग से पेश किया गया।
आजादी के बाद 2000 तक बजट पेश करने का समय फरवरी महीने की आखिरी तारीख को शाम 5 बजे होता था। वो इसलिए क्योंकि ब्रिटेन में तब सुबह के 11 बज रहे होते थे और इससे वहां के सांसद भी बजट को आसानी से सुन सकते थे। यह समय औपनिवेशक काल की ध्यान दिलाता था। इसके बाद 2001 से बजट पेश करने का समय सुबह 11 बजे कर दिया गया।
रेल बजट का टीवी पर सीधा प्रसारण 1994 में हुआ। तब बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव ने इसे पेश किया था। लालू यादव लगातार 6 बार रेल बजट पेश कर चुकें हैं, जो कि एक रिकॉर्ड है।