Source: www.amarujala.com
Posted by: ID on 22-09-2016 04:29,
Type: Budget
फैसले की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया, 'बजट पेश करने की तारीख पर फैसला विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर किया जाएगा।' जाहिर है आज के फैसले के बाद लोगों के मन में ये सवाल जरूर उठा होगा की अब तक ऐसा क्यों होता रहा कि दोनों बजट को अलग-अलग पेश किया जाता रहा।
रेलवे के मैनेजमेंट में बदलाव:
1921 में ईस्ट इंडिया रेलवे कमेटी के चेयरमैन सर विलियम एक्वर्थ रेलवे को एक बेहतर मैनेजमेंट सिस्टम में लाए थे। इसके बाद उन्होंने 1924 में इसे आम बजट से अलग पेश करने का फैसला किया तब से लेकर पिछले बजट वह अलग ही पेश होता रहा है।
रेल बजट की हिस्सेदारी 1924 के आम बजट में करीब 70 फीसदी थी। इतनी बड़ी हिस्सेदारी को देखकर ही इसे आम बजट से अलग करने का विलियम के प्रस्ताव को स्वीकार लिया गया।
आम बजट में इतनी बड़ी हिस्सेदारी के पीछे मुख्य कारण पब्लिक ट्रांसपोर्ट में 75 फीसदी रेलवे की भागीदारी थी। इसके अलावा माल ढुलाई में 90 फीसदी तक का योगदान होता था।
रेलवे देश की सबसे बड़ी न्योक्ता है। वर्ष 2009 में अखिल भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा एसोसिएशन की रिपोर्ट में रेलवे के कर्मचारी कुल केंद्रीय कर्मचारियों का 44 फीसदी हैं।
भारतीय रेलवे ने वर्ष 2013-14 में 23 बिलियन डॉलर का रेवेन्यू अर्जित किया। जिसमें से करीब 2.5 बिलियन डॉलर का उसे प्रॉफिट हुआ। रेलवे का क्षेत्र दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है।
भारतीय रेल से हर साल करीब 23 मिलियन यात्री यात्रा करते हैं।
रेलवे का नेटवर्क काफी बड़ा है। करीब 115,000 किमी के ट्रैक बनाए जा चुके हैं। जिनमें करीब 65,000 से अधिक किलोमीटर के मार्ग शामिल हो चुके हैं। देशभर में करीब 7,172 स्टेशन और जिनपर हर दिन करीब 12,617 पैसेंजर ट्रेन और 7421 माल गाड़िया दौड़ती हैं।
भारतीय रेल अपने उत्पादन और विकास पर भी खुद ही ध्यान देता है। साथ ही यह देश के लिए लगभग एक तिहाई माल का भार वहन करता है। उत्पादन सुविधाओं में जैसे इंजन और डिब्बों के उत्पादन सीधे रेल मंत्रालय के तहत आते हैं।
भारतीय रेलवे के साथ करीब 14 अन्य सहायक उपक्रम शामिल हैं। भारत कंटेनर निगम लिमिटेड (कॉनकोर) और इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) इन 14 उपक्रमों में से ही हैं।