Source: epaper.jagran.com
Posted by: Vinod on 07-12-2016 00:45,
Type: New Facilities/Technology , Zone: North Central Railway)
केंद्रीय शहरी विकास सचिव राजीव गाबा की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राष्ट्रीय राजधानी प्रक्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) की बैठक में इस महत्वाकांक्षी परियोजना को स्वीकृति दी गई। इस परियोजना के बारे में एक दशक पहले सैद्धांतिक मंजूरी दी गई थी, जिसे अब जमीन पर उतारने का फैसला किया गया है। नेशनल कैपिटल रीजन प्लानिंग बोर्ड की बैठक में 2005 में इस परियोजना का प्रस्ताव रखा गया था। इसके तहत एनसीआर के प्रमुख शहरों को परस्पर जोड़ने की योजना है। रैपिड रेल ट्रांजिट कॉरिडोर का दिल्ली में पहला स्टेशन सराय काले खां होगा। यह दिल्ली की घनी आबादी से गाजियाबाद होते हुए मेरठ के मोदीपुरम टर्मिनस तक जायेगी। सूत्रों के मुताबिक, इस 92 किमी लंबी रैपिड रेल ट्रांजिट कॉरिडोर के निर्माण में 21,902 करोड़ रुपये खर्च होंगे। रेलवे के कोच में हवाई जहाज की तर्ज पर दोनों साइड में दो-दो सीटें होंगी। प्रत्येक ट्रेन में एक बिजनेस क्लास का कोच भी जुड़ा रहेगा। तेज रफ्तार वाली ट्रेन 60 किमी ऊपर-ऊपर खंभे पर चलेगी, जबकि 30 किमी की दूरी जमीन के भीतर सुरंग के रास्ते पूरी करेगी। इसके पूरे रास्ते में 17 स्टेशन बनाये जायेंगे, जिनमें 11 एलिवेटेड और छह जमीन के भीतर होंगे। परियोजना बनाने वालों का अनुमान है कि 2024 में यह कॉरिडोर कुल 7.91 लाख यात्रियों को सफर करायेगा, जबकि 2031 में इस लाइन पर 9.20 लाख लोग यात्र करेंगे। व्यस्त समय और व्यस्त दिनों में यह संख्या और बढ़ जायेगी। रैपिड रेल की प्रत्येक ट्रेन में कुल 12 कोच होंगे, जबकि कॉरिडोर की रफ्तार की क्षमता 180 किमी की बनाई जा रही है। हालांकि ट्रेनों की गति 160 किमी प्रति घंटा ही रखी जाएगी।
बोर्ड की बैठक में इस कॉरिडोर के अलावा दिल्ली-पानीपत और दिल्ली-अलवर को भी मंजूरी दी गई है। बैठक में इसके अलावा सराय काले खां, आनंद विहार, कश्मीरी गेट और एयरो सिटी को परस्पर रैपिड रेल से जोड़ने का फैसला किया गया है। इससे यात्रियों को शहर के प्रमुख हिस्सों में कम समय में पहुंचने में मदद मिलेगी।